Monday, 1 July 2024

रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,

नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,
जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
मुझको सीने से अपने लगाया करो ,

टोकती हे कभी , मुझको मेरी नजर ,

देखना चाहती हे वो तेरा शहर ,
तेरी गलियाँ , वो बाजार , वो रास्ते ,
जिनमे रहता हे वो मेरा जाने जिगर ,

दूर हो तुम अगर पास मेरे नहीं ,
याद आकर के मुझको रुलाया करो ,

रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,
नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,
जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
मुझको सीने से अपने लगाया करो ,

दिल को दिल से लिपट करके मिलने तो दे ,
प्यार के फूल राहों में खिलने तो दे ,
हम मिले हे बड़ी मुश्किलों से सनम ,
प्यार में जिस्म दोनों पिघलने तो दे ,

दोनों बस जाए एक दूजे की रूह में ,
इस तरह मुझको खुद से मिलाया करो ,

रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,
नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,
जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
मुझको सीने से अपने लगाया करो .