रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,
नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
मुझको सीने से अपने लगाया करो ,
टोकती हे कभी , मुझको मेरी नजर ,
देखना चाहती हे वो तेरा शहर ,
तेरी गलियाँ , वो बाजार , वो रास्ते ,
जिनमे रहता हे वो मेरा जाने जिगर ,
दूर हो तुम अगर पास मेरे नहीं ,
याद आकर के मुझको रुलाया करो ,
रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,
नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,
जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
मुझको सीने से अपने लगाया करो ,
दिल को दिल से लिपट करके मिलने तो दे ,
प्यार के फूल राहों में खिलने तो दे ,
हम मिले हे बड़ी मुश्किलों से सनम ,
प्यार में जिस्म दोनों पिघलने तो दे ,
दोनों बस जाए एक दूजे की रूह में ,
इस तरह मुझको खुद से मिलाया करो ,
रूठ जाऊं तो मुझको मनाया करो ,
नाम लेकर मेरा गुनगुनाया करो ,
जान लो ये मुहब्बत का दस्तूर हे ,
वह
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