teri aankho ke kor
Tuesday, 10 February 2015
बुलंदियो तक पहुंचना चाहता हु मै भी,
पर गलत राहो से होकर जॉऊ ,
इतनी जल्दी भी नही,
आदते खराब नही, शौक ऊँचे है,
वरना ख्वाबों की इतनी औकात
नही कि हम देखे और पूरा न हो.......
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