Message to the Nation
On
72th REPUBLIC DAY, 2021
आज से सात
दशक पहले, 26 जनवरी को, हमारा संविधान लागू हुआ था, तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को
हम गणतन्त्र दिवस मनाते हैं। हमारे संविधान ने, हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र
के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी
ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव
प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास तथा परस्पर भाईचारे के लिए, यही सबसे उत्तम मार्ग है।गणतंत्र
दिवस हमारे संविधान का उत्सव है। आज के दिन, मैं संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहब आंबेडकर के एक विचार
को आप सब के साथ साझा करना चाहूँगा। उन्होंने कहा था कि "अगर हम केवल ऊपरी तौर
पर ही नहीं, बल्कि वास्तव में भी, लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं, तो हमारा पहला काम यह
सुनिश्चित करना है कि अपने सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, अडिग निष्ठा के साथ, संवैधानिक उपायों का ही सहारा
लेना चाहिए।"
स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं
के सुलभ होने को प्रायः सुशासन की आधारशिला समझा जाता है। अब हम इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर चुके हैं। यह नए भारत
के निर्माण और भारतीयों की नई पीढ़ी के उदय का दशक होने जा रहा है। इस शताब्दी में
जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में
अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। समय बीतने के साथ, हमारे स्वाधीनता संग्राम के प्रत्यक्ष साक्षी रहे लोग हमसे धीरे-धीरे
बिछुड़ते जा रहे हैं, लेकिन हमारे स्वाधीनता
संग्राम की आस्थाएं निरंतर विद्यमान रहेंगी।टेक्नॉलॉजी में हुई प्रगति के कारण, आज के युवाओं को व्यापक जानकारी उपलब्ध है और उनमें आत्मविश्वास भी
अधिक है। हमारी अगली पीढ़ी हमारे देश के आधारभूत मूल्यों में गहरी आस्था रखती है।
हमारे युवाओं के लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहता है। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक
दिखाई देती है।किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को nknk ghjk flag
ejdke के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि dks lnSo izsj.kk dk lzksr cuk jgsxkA
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