Wednesday, 22 August 2012

यादों का बंधन 

 कुछ तो बात है 
 की तुमको भुलाने की चाह में .....
  हम तुम्हें याद करतें  है , 
तुमसे दूर  जाने की चाह में
  तुम्हारे पास खीचें आते हैं,...

जब भी आती हैं तेरी याद ..
नींद मेरी आँखों से उड़ जाती है 
काश............
तू मेरे पास होती 
मै तुम्हें  जी  भर 
के प्यार करता
...............
पर समन्दर बीच में आ जाता है....
जब भी मेरा  सपना टूटता है.   
अंशुल 

1 comment: