Friday, 24 August 2012


आहट 
तुम्हारे आने की आहट 
से
....
लगता है की तुम 
अब मुझे पुकारने वाले हो
और प्रतीक्षा की घड़ियाँ
तुम्हारे पावों की आहट सुनने को 
बेकरार हैं
.............................
जब भी सागर की ओर से हवाएं 
चलतीं है  
हमें महसूस होता है 
की तुम मुझे पुकार रहे हो ,
खुला आसमान 
में जोर से 
मै कहता हूँ की तुम कहा हो , 
और तुम तक मेरी आवाज पहुँच  जाती है ,

कैसे  ये एक राज है ........अंशुल 

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